कोई न आक्खे मैनू बाबा
मै बाब्बे दा चेला ...
पर्वत विच्चो धुनी धरे
नाल ओदे मगन केल्ला ..
लोड नै एस दुनिया दी मैनू
बाबा मेरा चलावे
दुःख दरद सभी हर लेवे जे
नाम जबान चे आवे ..
भेस बनावे घूमूं ओदा
अक्खड़ मस्त मलंग
बाबा मेरा मस्त रवे
पीके प्याला भंग ...
देखे सब आंखे मूंदे साडा
मालिक मुर्शिद प्यार ..
अस्सी एबी सानू हर बाब्बे
तेरी भस्म बनू सिंगार ...
कोई कहे दम दम कोई बम बम
एक अजान ओंकार ...
अनहद नाद लगावे सारे
इक ही सब का सार ...
लड़दे मरदे लोकी सारे ,
ढोंग बढ़ावे भेद ..
कर दे बाबे कुछ ऐसा
भर जाये दिल दा छेद...
मै मुरख मैनू इलम नहीं
भूल चूक सब माफ़
वसदा तू सबदे अन्दर
पर दीदे चढ़े लिहाफ ...
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