Tuesday, June 5, 2012

डर


धुप्प अँधेरे से डरता है
सहमा सहमा क्यूँ रहता है ?
ये तो कोई बात नहीं है
ऐसे भी हालात नहीं है ...
के तू आस छोड़ दे अपनी
डूबी सांस तोड़ दे अपनी
अनजाने से डर मत पागल
वजह खोजते बढ़ चल पागल
ये बस एक सवाल है प्यारे
और जवाब है दूर किनारे
अँधेरा बस खालीपन है
जान जायेगा एक दिन तू भी ..
चारो ओर उजाले पाने
बढ़ता जाएगा फिर तू भी ..
कोई तेरे साथ नहीं है
ऐसे भी हालात नहीं है ...
डरने की कुछ बात नहीं है ....
डरने की कुछ बात नहीं है ...

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