Tuesday, August 23, 2011

घिर आये


घिर घिर आये गरज बरस घन काले काले
बरसाए पानी के मेंढक नाच रहे छम छम मतवाले
चोकलेट के डबरे भर गए
तलवे मेरे चिप चिप कर गए
आये मिलने यार पुराने
टर्र-रम-टू के गीत सुनाने
खूब मचाई धूम धड्य्या
जम कर की मिल छपक छपैय्या
भर भर लायी तब नालो से
तुरत बने छोटे जालो से
रंग बिरंगी सतरंगी और बड़ी सयानी 
चम् चम् करती प्यारी प्यारी मछली रानी
आटे की गोली के भोग लगाये जिसको दादी नानी
थमे घटा के नाज - अदा
तब भागे बच्चे , नुक्कड़ को
5 रुपैय्ये के सुलग रहे ,
खाने खट-मिट्ठे भुट्टो को
बही नाक सर्दी से जब
छींके तो हाहाकार हुआ
अम्मा पापा के हाथो
सब बच्चो का सत्कार हुआ

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