Sunday, July 19, 2009

बस तुम ही तुम

कुछ दूर दो जहां से
उस पार आसमान के ,
यह मेरी तमन्ना है हमदम
कुछ और अगर हो या ना हो ,
बस तुम ही तुम हो ,तुम ही तुम...
रंग भी तुम आवाज़ भी तुम ,
खुशबू तुम ,एहसास भी तुम ,
हर शय में तुम , अंदाज़ में तुम ,
कामिल उस के एजाज़ में तुम .

हर जान में तुम ,
हर शान में तुम ,
अल्लाह में तुम ,
भगवान् में तुम .
साँसों में तुम ,
ख़्वाबों में तुम ,
सुबहों में तुम ,
रातों में तुम ,
फूलों में तुम ,
कांटो में तुम ,

दोई न हो ,दिल की दिल से ,
हो सब एक में , एक सब में गुम ,
उस पार जहाँ न मै ना तुम ,
बस तुम ही तुम हो तुम ही तुम ...

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